केंद्र सरकार ने चाहे बड़े बड़े दावे किये हों लेकिन यह बात छिपी नहीं है की विश्विक माहामारी के खिलाफ भारत का टीकाकरण अभियान बिलकुल अस्त-व्यस्त है। टीके के डोस के लिए लम्बी लम्बी कतारें लगी हैं और टिके की किल्लत भी किसी से छिपी नहीं है।
बात ये उठती है की 1 अरब से ज्यादा आबादी वाले देश में क्या सरकार तय समय सीमा तक टीकाकरण अभियान को चरम तक ले जा सकती है या नहीं। जबकि अभी इसमें कई अडचनें हैं जिन्हें नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता जैसे की सही सुचना का अभाव, हर रोज़ की नयी अफवाहें, लोगों का तकनीक व इन्टरनेट से कम जुड़ाव और इसमें सबसे बड़ी परेशानी शामिल है टीके की कम उपलब्धता।
वहीँ दुसरे देशो ने जानवरों तक को टीका लगाने का काम शुरू कर दिया है लेकिन भारत में अभी भी हम टीके की किल्लत से जूझ रहे हैं। हालांकि सरकार का दावा यह भी है की सरकार की कईं दवा कम्पनियों से बात चल रही हैं।
कितना प्रतिशत हो चूका है कोरोना के खिलाफ टीकाकरण
सुप्रीम कोर्ट ने इसी सन्दर्भ में कोरोना माहामरी से जुडी सुओ मोटू केस में केंद्र सरकार से हलफ नामा माँगा है। अदालत ने कडा रुख लेते हुए सरकार से हलफनामा माँगा है की सरकार बताये की अब तक कितनी प्रतिशत आबादी को अभी तक टीका लग चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट माँगा है की कितने प्रतिशत लोगों को टीके की पहली डोस व कितने प्रतिशत लोगों को टीके की दूसरी डोस लग चुकी है और इसमें से कितनी प्रतिशत ग्रामीण आबादी है व कितनी प्रतिशत शहरी आबादी है।
अभी तक खरीदी गयी सभी वैक्सीन की जानकारी
शीर्ष अदालत ने केंद्र से कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-वी तीनो की अभी तक की गयी सारी खरीद के बारे में पूरी जानकारी मांगी है। अदालत ने सपष्ट किया की केंद्र को जानकारी देनी होगी की केंद्र ने की किन तारीखों पर तीनो वैक्सीन के लिए खरीदारी के आदेश दिए हैं व कब व किस तारिख को कितनी डोस का आदेश दिया गया व कब तक सभी आदेश की गयी वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है।
सरकार का बची हुई आबादी के टीकाकरण के लिए क्या एक्शन प्लान है
भारत की बड़ी आबादी अभी भी टीकाकरण से बहुत दूर है। इसी सन्दर्भ में अदालत ने सरकार को यह बताने को कहा है की सरकार कैसे बची हुई आबादी के टीकाकरण के लिए विचार कर रही है और इस बारे में फेज 1, 2 व 3 में कब और कैसे बची हुई आबादी का टीकाकरण सुनिश्चित किया जा सकता है।
ब्लैक फंगस की दवाई को लेकर की शीर्ष अदालत सख्त
ब्लैक फंगस की दवाई की किल्लत नेशनल न्यूज़ बनी हुई है इसीलिए अदालत ने इस पर कड़ा रुख लेते हुए सरकार से हलफनामे में मांगा है की सरकार की ब्लैक फंगस की दवाई उपलब्ध करने के लिए क्या तैयारी है।
अदालत ने केंद्र सरकार से जनता को लगने वाली मुफ्त कोरोना की वैक्सीन के बारे में भी हलफनामा में विस्तृत जानकारी मांगी है। अदालत ने केंद्र सरकार को हलफनामा दायर करने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया है।